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दिल्ली दरबार - महफ़िल दिल की || आचार्य प्रशांत (2024)

2024-03-18 5 Dailymotion


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वीडियो जानकारी: 23.02.24, दिल्ली दरबार, दिल्ली

प्रसंग:
आचार्य प्रशांत दिल्ली दरबार में

प्रश्नकर्ता: आपने आई आई टी से इंजीनियरिंग करी है, फिर आपने आईआईएम से मैनेजमेंट किया है, फिर आप सिविल सर्वेंट भी रहे हैं I तो ये सब कुछ छोड़कर आप इस क्षेत्र में कैसे आए?

आचार्य जी : हर आदमी अपने लिए जिंदगी में वही चुनता है, जो उसे उसकी वर्तमान स्थिति से थोड़ा आगे का, थोड़ा ऊंचा, थोड़ा बेटर लगता है। वही मैंने भी किया I

प्रश्नकर्ता: जी, आचार्य जी I कबीर ने एक छोटी सी, एक दोहे में पूरा निचोड़ दिया है, कि कबीर कुआ एक है, पानी भरे अनेक, बर्तन में ही भेद है, पानी सब में एक। और हमारी थीम भी यही है। लेकिन आज की करनी, धर्म की करनी और कथन में, इतना भेद क्यों है?

आचार्य जी: क्योंकि हम धर्म समझते नहीं है I असल में हम पैदा होते हैं, हमारी शिक्षा होती है, हमारी परवरिश होती है, उसमें कभी भी, क्लैरिटी पर जोर नहीं होता। हमारे पास बस शब्द होते हैं, भाषा ,मुहावरे होते हैं ,उनका बिल्कुल सटीक, स्पेसिफिक अर्थ क्या है, वो न हम जानते हैं

प्रश्नकर्ता: नफरत क्यों फैल रही है, धर्म के नाम पर नफरत फैल रही है आजकल I?

आचार्य जी: म नहीं जानते हम कौन हैं, और हम नहीं जानते कि हम वास्तव में परेशान क्यों है? तो हमने नकली उपचार खोज लिए हैं I और नकली उपचार, काम नहीं करते। जब वो नकली उपचार काम नहीं करते हैं, तो हम और ज्यादा चिढ़ जाते हैं, खींच जाते हैं, उग्र और हिंसक हो जाते हैं। ये चल रहा है I बाकी इस पर जब बात बढ़ेगी तो और भी नहीं।

प्रश्नकर्ता: सो कॉल्ड गुरु या मार्गदर्शक आते हैं, जो कहते हैं, ये परेशानी है, क्योंकि ऐसा है, मैं जो कहता हूँ वह सही है, यह करो I और वो अपने स्वार्थ से बात कर रहा है, लेकिन ऐसे बहुत भोले भाले लोग हैं, जो उन बातों में आ जाते हैं। तो कैसे समझा जाए कि, कौन, फिल्टर कैसे किया जाए?

आचार्य जी: आत्मावलोकन की खुद को देखने की , खुद को देखने की।

~ अध्यात्म और प्रेम पर बातचीत
~ प्रेम क्या है?
~ अध्यात्म के नाम पर चल पाखंड से कैसे बचें?
~ आजकल जो सो कॉल्ड गुरु हैं, उनसे कैसे खुद को बचाया जाए?
~ धर्म के नाम पर चल रहे अंधविशास को कैसे दूर किया जाए?


संगीत: मिलिंद दाते
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